कैक्टस

poem 3

सारी बेटियां नहीं बढ़तीं आंगन की तुलसी की मानिंद

कुछ बेटियां उगती हैं कैक्टस की तरह

कांटों की तरह बढ़ते हैं उनके क्यूं

और फिर उनका होना चुभने लगता है परिवारों की गर्दनों में।

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